जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सियासी घमासान: विपक्ष ने उठाए सवाल, अखिलेश यादव का बीजेपी पर तंज - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सियासी घमासान: विपक्ष ने उठाए सवाल, अखिलेश यादव का बीजेपी पर तंज

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा) देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक दिए गए इस्तीफे ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। भले ही उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बताया हो, लेकिन विपक्षी दल इस फैसले के पीछे किसी और ही कहानी की ओर इशारा कर रहे हैं।

धनखड़ का इस्तीफा और आधिकारिक बयान
राष्ट्रपति भवन से जारी आधिकारिक जानकारी के अनुसार, धनखड़ ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। पिछले कुछ महीनों से वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम ही दिख रहे थे, जिससे स्वास्थ्य को लेकर कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे।

विपक्ष ने उठाए सवाल, कांग्रेस ने कहा ‘सिर्फ स्वास्थ्य कारण नहीं’
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा,
“सिर्फ स्वास्थ्य कारणों की आड़ लेकर इस्तीफा देना आसान रास्ता हो सकता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी और सरकार के अंदरूनी दबाव इसके पीछे नहीं हैं?”
उन्होंने मांग की कि सरकार इसपर स्पष्टीकरण दे और यह भी बताए कि क्या धनखड़ ने किसी राजनीतिक मुद्दे पर असहमति जताई थी।

अखिलेश यादव का तंज: ‘बीजेपी नेता जाकर हालचाल लें’
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी धनखड़ के इस्तीफे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा:
“बीजेपी के लोगों को जाकर जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य का हालचाल लेना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि राजनीतिक तापमान की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई हो।”
उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि हाल के दिनों में उपराष्ट्रपति के कुछ बयानों से यह स्पष्ट था कि वे सरकार की नीतियों से पूर्णतः सहमत नहीं थे।

बीजेपी की प्रतिक्रिया: ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बयान’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष के बयानों को “घटिया राजनीति” बताते हुए कहा:
“धनखड़ जी का स्वास्थ्य वाकई गंभीर चिंता का विषय है, और विपक्ष ऐसे समय में राजनीति कर रहा है। यह हमारी लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।”

क्या है आगे की प्रक्रिया?
भारत के संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद खाली होने की स्थिति में 6 माह के भीतर नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाती है। चुनाव आयोग जल्द ही इसकी तिथि घोषित कर सकता है। इस बीच, राज्यसभा के उपसभापति अंतरिम रूप से सभाओं की अध्यक्षता कर सकते हैं।