भक्ति, भाव और विश्वास का पर्व छठ — जहाँ आस्था के आगे झुक जाते हैं सारे प्रश्न
🕉️ जब सूर्य की अंतिम किरणें गंगा या घाट के जल पर पड़ती हैं और आस्था से भरे लोग “छठी मैया” के गीत गाते हैं, तब लगता है जैसे पूरा वातावरण भक्ति में डूब गया हो। छठ पर्व केवल एक पूजा नहीं, बल्कि मनुष्य और प्रकृति के बीच उस पवित्र संवाद का प्रतीक है, जिसमें सवाल भक्त का होता है और जवाब देती हैं “मइया छठी” — ममता और आशीर्वाद के साथ। कल जब श्रद्धालु डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे, तब हर हृदय में यही सवाल गूंजेगा — “कवना कलमवा से लिखल करमवां?” यानी, “किस भाग्य की लेखनी से लिखा गया है यह जीवन?”
ये भी पढ़ें – रूस का यूक्रेन पर बड़ा मिसाइल और ड्रोन हमला: 4 की मौत, कई घायल, कीव में जोरदार धमाके
🌞 छठ: आस्था, अनुशासन और आत्मशक्ति का पर्व
छठ पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई क्षेत्रों में विशेष रूप से मनाया जाता है। लेकिन आज यह सीमाओं से निकलकर पूरे भारत और विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रतीक बन चुका है। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
छठ व्रत करने वाले भक्त कठोर नियमों का पालन करते हैं — नमक रहित भोजन, शुद्धता, निरंतर उपवास और जल-अर्घ्य के साथ सूर्योपासना। यह पर्व शरीर और मन दोनों की शुद्धि का संदेश देता है।
ये भी पढ़ें – लॉरेंस बिश्नोई गैंग को बड़ा झटका: CBI ने अमेरिका से गैंगस्टर लखविंदर कुमार को भारत लाकर किया गिरफ्तार
🌸 भक्ति में सवाल और विश्वास में जवाब
छठी मैया के समक्ष जब व्रती खड़ा होता है, तो उसके मन में अनगिनत प्रश्न होते हैं — जीवन के संघर्षों के, दुखों के, परिवार के, भविष्य के। परंतु वह प्रश्न शब्दों में नहीं, भावनाओं में ढल जाते हैं।
भक्त केवल कहता है — “छठी मैया से कल होगा सवाल, मैया देई जवाब…”
यही इस पर्व का सबसे सुंदर अर्थ है — जब भक्ति अपने शिखर पर होती है, तो मौन भी संवाद बन जाता है।
ये भी पढ़ें – भोजपुरी सिनेमा बेच दिया… खेसारी लाल यादव पर भड़के बीजेपी सांसद रवि किशन, बोले– “इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया”
🌊 प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक
छठ केवल सूर्य और उषा की पूजा नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का त्योहार है। जब व्रती उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देता है, तो वह जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश — इन पाँच तत्वों का आभार मानता है।
आज जब दुनिया जलवायु संकट से जूझ रही है, छठ का संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है — “प्रकृति ही जीवन है।”
ये भी पढ़ें – दिल दहला देने वाली घटना: मां ने दो मासूम बेटों की हत्या कर खुद दी जान, अंधविश्वास से जुड़ा मामला
🌺 लोकगीतों में गूँजती भावनाएँ
छठ पर्व में गाए जाने वाले लोकगीत जैसे —
“कवना कलमवा से लिखल करमवां…”
“छठी मैया आइलें अंगना हो…”
“केलवा के पात पर उगेलन सूरज देव…”
ये गीत केवल भक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और पारिवारिक भावनाओं के प्रतीक हैं। हर गीत में माँ और बच्चे का रिश्ता झलकता है। यही वजह है कि छठ के गीत सुनते ही हर प्रवासी का मन अपने गाँव की ओर लौटने लगता है।
ये भी पढ़ें – भीषण सड़क हादसा: बेकाबू ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को मारी टक्कर, 28 घायल
🌄 भक्त और मइया का संवाद: एक आध्यात्मिक कथा
लोकमान्यता है कि छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और वह अपने भक्तों के जीवन से अंधकार दूर करती हैं। जो भी सच्चे मन से व्रत रखता है, छठी मइया उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं।
भक्ति में लीन व्रती जब घाट पर खड़ा होकर कहता है —
“मैया, हमार परीक्षा ले लs, पर भरोसा ना तोड़l”
तो ऐसा लगता है जैसे सृष्टि ठहर गई हो और मैया मुस्कुराते हुए उत्तर दे रही हों — “विश्वास रख, समय बदल जाई।”
ये भी पढ़ें – यूपी में आज का मौसम: सुबह हल्की ठंड, दोपहर में चढ़ेगा पारा
🌕 आधुनिक युग में छठ की बढ़ती लोकप्रियता
आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में भी लोग छठ का व्रत पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। मॉल, आईटी सेक्टर और विदेशों में बसे भारतीय भी नदी या कृत्रिम तालाब बनाकर अर्घ्य देते हैं। सोशल मीडिया पर “जय छठी मैया” के ट्रेंड हर साल यह साबित करते हैं कि भक्ति का कोई भूगोल नहीं होता।
ये भी पढ़ें – CBI ने खंगाले निलंबित डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के बैंक खाते, जांच में सामने आए करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन
🌻 संदेश:छठ केवल सूर्योपासना नहीं — यह विश्वास, संयम, पर्यावरण-संतुलन और मातृशक्ति का प्रतीक है। जब भक्त पूछता है “कवना कलमवा से लिखल करमवां?” तो यह केवल एक प्रश्न नहीं, बल्कि जीवन की यात्रा का सार है।
उत्तर शायद एक ही है — “जो भक्ति में डूब गया, वही कर्म से जीत गया।”
ये भी पढ़ें – गोली मारकर युवक की हत्या की कोशिश, संयोग से बची जान — पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया
📿 अंतिम पंक्तियाँ:
कल जब घाटों पर दीपों की कतार सजेगी, नदी का जल सुनहरे रंग में नहाएगा और गूंजेगा —
“छठी मैया से कल होगा सवाल, मैया देई जवाब…”
तो हर आस्था का दीपक एक ही बात कहेगा —
“मइया, तोहरा भरोसे हमार संसार बसल बा।”
Delhi UPSC Student Murder Case: दिल्ली के तिमारपुर स्थित गांधी विहार इलाके में यूपीएससी छात्र…
Why Young People Get Diabetes:आजकल डायबिटीज (Diabetes) सिर्फ बुजुर्गों की नहीं, बल्कि युवाओं की भी…
Side Effects of Hair Dye on Kidney: आज के समय में हेयर कलर लगाना सिर्फ…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। देवरिया जिले के गौरी बाजार क्षेत्र के ग्राम सभा बखरा…
🌟 आज का राशिफल 28 अक्टूबर 2025पंडित सत्य प्रकाश पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत वैदिक ज्योतिष शास्त्र…
छठ महापर्व पर उमड़ा जनसैलाब, सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था में जुटा पूरा प्रशासनिक अमला गोरखपुर(राष्ट्र…