महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के लिए दिन नहीं वर्ष मनाने की आवश्यकता

✍️नवनीत मिश्र
संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)l
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता हैl जो महिलाओं के सम्मान, अधिकारों और उनकी उपलब्धियों को मनाने के लिए समर्पित है। यह दिन हमें महिलाओं के संघर्षों और उनकी उपलब्धियों को याद दिलाता है और हमें उनके अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान के लिए प्रेरित करता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाओं के लिए दिन नहीं वर्ष मनाने की आवश्यकता हैl
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास 1900 के दशक में शुरू होता है, जब महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष शुरू किया। 1908 में अमेरिका में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए पहली बार विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद, 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
आज महिलाएं दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के लिए जानी जाती हैं। वे राजनीति, विज्ञान, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। लेकिन, अभी भी महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि लिंग भेदभाव, घरेलू हिंसा और शिक्षा और रोजगार के अवसरों में कमी।

इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “एक्सीलरेट एक्शन” (Accelerate Action) है, जो महिलाओं की समानता और सशक्तिकरण की दिशा में तेजी लाने का संदेश देता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के लिए प्रेरित करता है। यह दिन हमें महिलाओं के संघर्षों और उनकी उपलब्धियों को याद दिलाता है और हमें उनके अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान के लिए प्रेरित करता है। आइए हम महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के लिए एकजुट हों और एक समान और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करें।

rkpNavneet Mishra

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