स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व0 वसुधा नंद पांडे की मनाई गई बीसवीं पुण्य तिथि

भाटपार रानी/ देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश साहित्यकार परिषद के सदस्य तथा त्रिगुणा नन्द जनता इंटर कॉलेज के संस्थापक सदस्य में शामिल रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व वसुधा नंद पांडे की 20वीं जयंती उनके बनकटा स्थित निजी आवास पर मनाई गई। वहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व0 वसुधा नंद पांडेय के श्रद्धांजलि सभा में सभा की अध्यक्षता आरपीएफ सेवानिवृत एवं समाज सेवी सभानन्द पांडेय ने किया।इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व श्री जोखू भगत के नाती सेवानिवृत्ति इंजीनियर रामनरेश कुशवाहा की विशेष उपस्थिति रही।वहीं स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी के नाती मनोज पांडेय , समरेंद्र कुमार पांडे ,भारतीय थल सेना सेवानिवृत देवी दयाल पांडेय , ग्राम प्रधान बंजारिया विद्यासागर, पत्रकार विनय पांडे, विनोद पांडेय, रवि पांडेय,तारकेश्वर पांडेय, मोनू एवं अन्य ग्रामवासी उपस्थित रहे।उक्त अवसर पर पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा विद्या भूषण मिश्र द्वारा वयोवृद्ध एवं समाज सेवी सभा नंद पांडेय को अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया।श्रद्धांजलि सभा का संचालन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय वसुधा नंद पांडेय के पौत्र हार्दिक पांडेय ने किया कहा कि हमें इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में और भी अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में करते रहना चाहिए, साथ ही सेनानी के 21 जयंती पर आगे से ग्राम स्तरीय निबंध प्रतियोगिता आयोजित किए जाने की बात भी कहा। बताया कि सेनानी द्वारा विद्यालय की स्थापना सहित गांव के विकास के कई सारे कार्य सहित राजनीतिक तौर पर अपनी खुद की पहचान भी उन्होंने बनाया था। वे देश के लिए कई बार जेल गए उनके जीवन के अमूल्य बातों को सभा में रखा गया । वहीं स्वर्गीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जोखू भगत के नाती एवं सेवा निर्वृत इंजीनियर रामनरेश कुशवाहा ने अपने संबोधन में बताया कि हमें भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहने चाहिए जिससे हमारे पूर्वजों को कमसे कम वर्ष में एक बार उन्हें याद कर आजादी में अपने पूर्वजों के योगदान से हमें प्रेरणा मिलती रहे।जिनके वजह से हमें आजादी मिली उनका हमें निरंतर सम्मान करना होगा।वर्ष में जरूर एक बार हम सब याद करें।आखिर में सभा के अध्यक्ष सभा नंद पांडेय ने कहा कि वह अपने बारे में कम एवं समाज के बारे में ज्यादा सोचते थे, गांव क्षेत्र के लिए उन्होंने कई सारे कार्य भी किए हैं।

Karan Pandey

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