संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। जालौन जनपद में थाना प्रभारी अरुण राय द्वारा आत्महत्या किए जाने की दर्दनाक घटना ने पूरे पुलिस महकमे को सदमे में डाल दिया है। पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव रजनौली ( संत कबीर नगर) पहुंचा, पूरा गांव मातम में डूब गया। परिजनों का विलाप रुक नहीं रहा था और ग्रामीणों की आंखें नम थीं। हर तरफ शोक की लहर व्याप्त थी।
बताया गया कि जालौन की यह घटना दो दिनों से चर्चा में रही। शव गांव पहुंचते ही माहौल पूरी तरह शोकाकुल हो गया। रिश्तेदार और ग्रामीण गम से भरे हुए थे, और परिवारजन दहाड़ मार-मारकर रोते नजर आए। माहौल इतना भावुक था कि उपस्थित लोगों के लिए भी अपने आंसू रोक पाना मुश्किल हो गया।
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परिजनों की इच्छा के अनुसार स्वर्गीय अरुण राय का अंतिम संस्कार धनघटा थाना क्षेत्र स्थित बिडहर घाट पर किया गया।
धनघटा क्षेत्राधिकारी अभयनाथ मिश्रा के नेतृत्व में धनघटा पुलिस फोर्स पूरे समय मौजूद रही। पुलिस की उपस्थिति ने न सिर्फ व्यवस्था संभाली, बल्कि शोकग्रस्त परिवार को संबल भी प्रदान किया।
अंतिम यात्रा के दौरान सबसे मार्मिक दृश्य उस समय देखने को मिला जब इंस्पेक्टर धनघटा जयप्रकाश दुबे स्वयं नम आंखों के साथ अर्थी को कंधा देते दिखाई दिए। उनके चेहरे पर उभरी पीड़ा यह बता रही थी कि सहकर्मी के जाने का दर्द कितना गहरा है। उनके आंसू इस रिश्ते की आत्मीयता को बयान कर रहे थे।
वर्दी को अक्सर कठोरता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इंस्पेक्टर दुबे का यह भावुक रूप यह साबित कर गया कि वर्दी के पीछे एक संवेदनशील दिल भी होता है। उनकी यह मानवीय संवेदना वहां मौजूद हर व्यक्ति के दिल को छू गई। लोग उनकी भावनात्मक भागीदारी और सहकर्मी के प्रति सम्मान की सराहना करते दिखे।
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स्वर्गीय अरुण राय के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इंस्पेक्टर जयप्रकाश दुबे ने कहा कि हम सिर्फ सहकर्मी नहीं थे, बल्कि एक परिवार की तरह जुड़े थे। उनका जाना हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। उनके इन शब्दों ने माहौल को और भी भावुक कर दिया।
अंतिम संस्कार में धनघटा पुलिस टीम ने जिस तरह परिवार को संभाला और अपने साथी अधिकारी को सम्मानजनक विदाई दी, वह सेवा, संवेदना और मानवता का उदाहरण बन गया। यह घटना लंबे समय तक मानवता से भरे पुलिस व्यवहार के रूप में याद की जाएगी। इस मौके पर इंस्पेक्टर क्राइम रामेश्वर यादव, चौकी प्रभारी बिडहर घाट लाल बिहारी निषाद सहित कई पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
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