शहीद निर्मल महतो के बलिदान से आजसू को मिली संघर्ष की दिशा: सुदेश महतो


रांची (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। झारखंड आंदोलन के प्रखर योद्धा और शहीद निर्मल महतो की जयंती पर आजसू पार्टी प्रमुख एवं झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने सिल्ली स्थित झारखंड मोड़ पर स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने शहीद निर्मल महतो के बलिदान और संघर्ष को झारखंड राज्य गठन की आधारशिला बताते हुए उन्हें नमन किया।

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सुदेश महतो ने कहा कि शहीद निर्मल महतो ने आजसू पार्टी की स्थापना कर झारखंड आंदोलन को न केवल दिशा दी, बल्कि उसे व्यापक जनसमर्थन भी दिलाया। उनके नेतृत्व और बलिदान ने आंदोलन में नई चेतना का संचार किया, जिससे आदिवासी-मूलवासी समाज को अपने अधिकारों के लिए संगठित होने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि निर्मल महतो के साहसिक संघर्ष ने आजसू को उग्र आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ने का संबल दिया, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार को वर्ष 1989 में आजसू से वार्ता करनी पड़ी।

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पूर्व उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आजसू पार्टी आज भी शहीद निर्मल महतो के विचारों और आदर्शों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य निर्मल महतो के सपनों का झारखंड बनाना है, जहां सामाजिक न्याय, समान अधिकार और क्षेत्रीय अस्मिता को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। सुदेश महतो ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे शहीद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं और झारखंड के विकास के लिए संगठित संघर्ष जारी रखें।

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इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता जयपाल सिंह, सुनील सिंह, संजय सिद्धार्थ सहित कई कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने शहीद निर्मल महतो के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके योगदान को याद किया।

Editor CP pandey

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