ज़ब सैनी को भी भाया था करनाल।
होना चाहते थे वह यहां के हो लाल।
हाँ अगर नहीं गली जो यहाँ पर दाल।
फ़िर भाजपा को ये भी रहेगा मलाल।
इसलिए अनिच्छा से बदल दी हैं सीट।
अब लाडवा में उन्हें कर दिया है फिट।
यहाँ मुख्यमंत्री अब भी है पसोंपेश में।
कब कैसे निकले लाडवा से जोश में?
उन्हें करना है पूरे हरियाणा का दौरा।
अब तो समय भी बचा है थोड़ा-थोड़ा।
निभाना है नब्बे प्रचार की जिम्मेदारी।
जीतेंगे छियालिस तभी होगी दमदारी।
भई जीतने का हुड्डा तो कर रहे हैं दावा।
पता नहीं किस-किसको होगा पछतावा।
अभी सभी रख रहे याद चुनाव तारीख।
तोल रहे सबको उनकी नज़रें हैं बारिक।
ज़ब सैनी को भी भाया था करनाल।
होना चाहते थे वह यहां के हो लाल।
संजय एम. तराणेकर
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद में संगठित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए चलाए जा…
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। भिटौली थाना क्षेत्र के बरियारपुर गांव में पुरानी रंजिश को लेकर…
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बुधवार रात सनसनीखेज वारदात सामने…
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। भारतीय संस्कृति केवल रीति-रिवाजों, पर्व-त्योहारों और अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है,…
— डॉ. सतीश पाण्डेयमहराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। माता-पिता और पुत्र का रिश्ता केवल जन्म से…
— कैलाश सिंहमहराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। आज का समाज एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है,…