उत्तर प्रदेश(राष्ट्र की परम्परा)
वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता एवं एआईसीसी ऑब्जर्वर इंचार्ज यूपी, बिहार, राजस्थान, कर्नाटका, छत्तीसगढ़, एवं एडवोकेट सुप्रीमकोर्ट ऑफ़ इंडिया, वरिष्ठ समाजसेवी ठाकुर संजीव कुमार सिंह ने इस सन्दर्भ में बताया कि पूरा देश महंगाई, बेरोजगारी और भ्र्ष्टाचार का दंश झेल रहा है, सरकार महंगाई के कारणों पर न तो गौर कर रही है और न ही कम करने का कोई ठोस प्रयास कर रही है। बाजार में आ रहे बदलाव पर जहां सरकार को नज़र रखनी चाहिए। वहां सरकार अन्य विषयों पर बोलकर लोगों को भ्रमित करने में व्यस्त हैं। उनके सांसद और विधायक आम जनमानस को अन्य मुद्दों पर उलझाकर चुनावी बिसात बिछाने में मशगुल है, तथा पूरा मंत्रिमंडल लोगों का ध्यान भटकाने में लगा है, लेकिन महंगाई से लोगों के रसोई में आग लगी हुई है। दिन प्रतिदिन इस कदर महंगाई बढ़ने से आम जनता परेशान हैं। आम लोगों के घरों की रसोई में लजीज भोजन बनाने में मददगार टमाटर हरी मिर्च व अन्य सामग्री के दामों में आग लगी हुई हैं। इन्हीं के लोग अनाप सनाप रेटों पर गरीबों के रोज़ काम आने वाले सामान मन मर्जी से बेंच रहें हैं। सरकार का महंगाई को रोकने पर कोई कंट्रोल नहीं हैं। गरीबों के घरों में गैस चूल्हा हैं, लेकिन गैस सिलेंडर में गैस रिफिल कराने के लिए रूपये न रहने के कारण गैस चूल्हा जलाने में असमर्थ हैं। महंगाई की वजह से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया हैं और इसी स्थिति में लोग शारीरिक एवं मानसिक रूप से काफ़ी परेशान दिख रहें हैं। पिछले नौ सालो में बढ़ती महंगाई बेरोजगारी व भ्र्ष्टाचार को लेकर युवा वर्ग, महिला वर्ग से लेकर आम ग़रीब लोग काफ़ी परेशान हैं। इसलिए आम लोगों को चाहिए कि महंगाई बेरोजगारी व भ्र्ष्टाचार के मुद्दे को लेकर लेकर युवा वर्ग, महिला वर्ग से लेकर आम ग़रीब लोगो को जागरूक करने की जरूरत हैं। पूरे देश में महंगाई, बेरोजगारी एवं भ्रष्ठाचार चरम पर है, युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, उन्हें रोजगार नहीं मिल रही है और सरकार के लोग नौ साल बेमिसाल कार्यक्रम कर जनता की जले पर नमक छिड़क रहीं है। जबकि सरकार यह नहीं जान रही है कि जनता उसके कारनामों को भली-भाती समझ चुकी है, जो आनेवाले चुनाव में इनको आईना दिखाएगी। इसलिए हम गांव-गांव, शहर शहर घूम कर इनकी विफलताओं को बताएगे। देश में संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा, जनता की खुशहाली, देश के ज्वलंत मुद्दों, बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था का है, लेकिन सरकार असल मुद्दों से जनता का ध्यान लगातार भटकाने का काम कर रही है, जिसमें वह सफल नहीं होगी। आने वाले लोकसभा चुनाव में देश की जनता इन्हें अवश्य सबक सिखायेगी।
सिंह ने बताया कि सब्जियों के दाम जिस तरह से कई गुना एक सप्ताह के अन्दर बढ़ गये हैं,जनमानस की तो कमर ही टूट गई है। जो टमाटर 20-25 रूपये प्रतिकिलो हुआ करता था, वह आज 150 रूपये के आसपास भ्रमण कर रहा है। खीरा जहां दुगने दाम पर पहुंच गया है, वहीं बैंगन, हरी मिर्च और धनिया में भी होड़ लगी है। कोई भी ऐसी सब्जी नहीं है जो दो गुने के आसपास न मडंरा रही हो। सब्जियों के साथ-साथ दालें, चीनी, मसालें एवं सरसों के तेल के दामों में भी बेतहाशा उछाल है। जीरा, लहसुन, हल्दी, लालमिर्च सहित लगभग सभी मसालें आम आदमी की पकड़ से बाहर हैं। टमाटर और सेब में होड़ है कि कौन आगे निकल जायेगा, जहां टमाटर, सेब के दाम से आगे निकल रहा था, वहीं अब सेब पर भी महंगाई दिखाने लगी है। मंडियों में आढ़तियों द्वारा ज्यादा दाम देकर सेब खरीदे जा रहे हैं। सरकार के मंत्रियों एवं नेताओं द्वारा लगातार झूठ बोला जाता है कि, पिछली सरकार की तुलना में महंगाई नहीं बढ़ी है। पेट्रोल की कीमत किसी से छिपी नहीं है, घर बनवाने में जो सीमेंट 200 रूपये में आती थी वह आज लगभग 500 रूपये के करीब मिल रही है। पिछले दिनों से इनके ही शासित राज्य मणिपुर हिंसा की ज्वाला से जल रही है, सैकड़ों लोग हिंसा में मारे जा चुके है और प्रधानमंत्री अमेरिकी यात्रा से लौटे तो मेरा बूथ सबसे मजबूत करते दिख रहे हैं। सरकार के नौ साल पुरे होते हुये भी देश में महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार काफ़ी तेजी से बढ़ रहा हैं जिसके कारण आम जनता काफ़ी परेशान हैं, तथा रोजगार के आभाव में युवा वर्ग दर दर की ठोकरे खाने को विवश हैं। सरकार के 9 साल में ग़रीब जनता महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से बेहाल है, और बेरोजगारी अब-तक की सबसे ऊंची आकड़े पर पहुंच चुकी है। केन्द्र सरकार असंख्य घोटाला कर बेमिसाल कार्यक्रम चला रही है। नौ साल बेमिसाल सरकार ने पूरे देश भी जनता को महंगाई भी आग में झोंक दी है। आज सब्जी में टमाटर 140 रुपए, मिर्ची सौ रुपए किलो जबकि अन्य कोई भी सब्जी 60 रुपए किलो से कोई कम नही है। इसके पूर्व दाल मध्यम एक गरीब परिवारों भी थाली से गायब है, तेल की कीमत भी आसमान छू रहा है बड़े बड़े उद्योगपतियों के करोड़ो रुपये का ऋण माफ हो रहै।
उन्होंने बताया कि दलहन, तिलहन, एवं सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, बिचौलिया के पौ बारह हैं, सत्ता के संरक्षण में कालाबाजारी फल फूल रहा है और खामियाजा जनता भुगतने को मजबूर है। सरकार का इक़बाल पूरी तरह खत्म हो गया है, पूरे प्रदेश में हत्या, लूट, बलात्कार जैसी जघन्य घटनायें आम हो गई हैं। सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है, भीषण महंगाई से लोगों का जीवन दूभर हो गया हैं, सरकार के झूठे भाषण से लोगों को सावधान होना चाहिए, पूरी तरह जनता को गुमराह कर रहे है। सरकार को ऐसे झूठे बयानों से बचना चाहिए। गन्ने का समर्थन मूल्य मात्र 10 रूपया बढ़ाया जाना जले पर नमक छिड़कने जैसा है, कम से कम सौ रूपये प्रति कुन्तल बढ़ाया जाना चाहिए था। जहां आम जनता हर प्रकार से पीड़ित है वहीं देश में लगभग 9 हजार ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिये जाने से आम नागरिक महंगी यात्रा करने को मजबूर है। सरकार की यह जन विरोधी नीति का खुला उदाहरण है। देश आज सरकार की गलत नीतियों का शिकार हो रहा है। आज़ सांसद विधायक गांव और शहरों में घूम – घूम कर विकास कार्य गिना रहें है, लेकिन आज तक सांसदो के गोद लिए गांव विकास से दूर है। क्योकि 9 साल के कार्यकाल में भी सरकार के सांसद और विधायक टूटी सड़के नहीं बना पाए हैं। जो सासंद विधायक अपने गोद लिए गांव की विकास नही करा पाए वह क्षेत्र का विकास क्या कराएंगे..?
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