संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। भारत तिब्बत समन्वय संघ- गोरक्ष प्रांत के सह संयोजक (प्रचार व आई टी प्रभाग) नवनीत मिश्र ने कहा कि चीन व पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र का आज आतंकवादी प्रशिक्षण, घुसपैठ और नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए प्रयोग हो रहा है। सरकारें आती-जाती रहती हैं। लेकिन यह विषय हमेशा ठंडे बस्ते में ही रहा। अपने खोए भूभाग को प्राप्त करने के लिए भारतीय संसद को 14 नवंबर, 1962 ई. को लिए संकल्प को स्मरण करने की जरूरत है।
श्री मिश्र ने संसद संकल्प 1962 की पूर्व संध्या पर जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि भारत तिब्बत समन्वय संघ 14 नवंबर को पूरे राष्ट्र में संसद संकल्प स्मरण दिवस को मनाएगा।
उन्होंने कहा कि पंच शील के समझौते की धज्जियां उड़ाकर जब चीन ने भारत पर हमला करते हुए बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया था। तब संसद में सभी राजनीतिक दलों के संसद सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया था कि अपनी पवित्र भूमि से आक्रमणकारियों को खदेड़कर ही दम लेंगे, चाहे इसके लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़े।
श्री मिश्र ने कहा कि चीन के लिए भारत बड़ा बाजार है। हमें चीनी वस्तुओं का पूर्णत: बहिष्कार करना होगा।
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