पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा घटना में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने खोस्त प्रांत में एक आवासीय क्षेत्र पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें 9 बच्चों और एक महिला की मौत हो गई है। यह हमला पेशावर में हुए आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आए नए तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
अफगानिस्तान का आरोप—’नागरिकों के घर पर बमबारी’
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तानी हमलावर बलों ने एक आम नागरिक के घर को निशाना बनाया, जिससे पांच लड़के, चार लड़कियां और एक महिला की मौत हो गई।
मुजाहिद ने चेतावनी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान अपने एयरस्पेस और नागरिकों की सुरक्षा का अधिकार रखता है और सही समय पर इसका जवाब देगा।
खोस्त के अलावा कुनार और पक्तिका बॉर्डर इलाके में भी ड्रोन और लड़ाकू विमानों से हमले किए जाने की खबर है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, कई लोग घायल हुए हैं और प्रभावित इलाकों में घरों का मलबा हटाने का काम जारी है।
पेशावर आत्मघाती हमले के बाद बढ़ा तनाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से यह कार्रवाई पेशावर में फेडरल कांस्टेबुलरी मुख्यालय पर हुए आत्मघाती धमाके के बाद की गई है, जिसमें 3 अधिकारी मारे गए और 11 घायल हुए थे।
पाकिस्तान के सरकारी चैनल PTV का दावा है कि हमलावर अफगान नागरिक था।
राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने इस हमले के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार ठहराया है।
इससे पहले इस्लामाबाद में कोर्ट परिसर के बाहर हुए आत्मघाती हमले में भी 12 लोग मारे गए थे, जिसने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और खराब किया।
सीमा विवाद बना तनाव की मुख्य वजह
दोनों देशों के बीच तनाव का केंद्र ड्यूरंड लाइन है, जिसे सीमा रेखा के रूप में पाकिस्तान मानता है, लेकिन अफगानिस्तान इसे स्वीकार नहीं करता।
2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से ही सीमा पर झड़पें, गोलीबारी और ड्रोन हमले बढ़ गए हैं।
अक्टूबर 2024 में हुई भीषण झड़पों में 70 लोगों की मौत हुई थी, जिसने रिश्तों में गहरी खाई पैदा कर दी।
क्यों खतरा और बढ़ रहा है?
• TTP के अफगानिस्तान में सक्रिय होने के पाकिस्तान के आरोप
• पाकिस्तान द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने की कोशिशों का अफगानिस्तान द्वारा विरोध
• ड्रोन और एयरस्ट्राइक की बढ़ती घटनाएं
• आत्मघाती हमलों का अफगानिस्तान से लिंक होने का दावा
विशेषज्ञों का मानना है कि हालात लगातार बिगड़ रहे हैं और यदि तनाव नहीं घटा, तो सीमा पर बड़े सैन्य टकराव की आशंका नकारा नहीं जा सकती।
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