नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश के कर ढांचे में ऐतिहासिक बदलावों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोमवार, 22 सितंबर से लागू होने जा रहे नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स देश की अर्थव्यवस्था और आम नागरिक दोनों के लिए बड़ा बदलाव साबित होंगे। प्रधानमंत्री ने इसे “जीएसटी बचत उत्सव” का नाम दिया और कहा कि यह कदम न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएगा बल्कि हर परिवार की जेब पर सीधा असर डालेगा।
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पीएम मोदी ने कहा कि 2017 में लागू हुआ मूल जीएसटी सुधार भारत को दशकों से चले आ रहे जटिल कर जाल से मुक्ति दिलाने वाला ऐतिहासिक कदम था। उस समय, केंद्र सरकार ने राज्यों और सभी हितधारकों से गहन चर्चा कर इस सुधार को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने याद दिलाया कि जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को कर व्यवस्था में एकरूपता मिली और आम उपभोक्ता को भी राहत का लाभ हुआ।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और समय-समय पर बदलती परिस्थितियों के हिसाब से बदलाव जरूरी है। इसी सोच के तहत अब नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लागू किए जा रहे हैं। इन सुधारों के अंतर्गत जीएसटी की केवल दो प्रमुख दरें रहेंगी — 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं अब 5 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध होंगी, जिससे ये और भी सस्ती हो जाएंगी। वहीं, 18 प्रतिशत की दर पर वे वस्तुएं आएंगी जो जीवनशैली और उपभोग की दृष्टि से गैर-जरूरी मानी जाती हैं। इस सरलीकरण से कर प्रणाली पारदर्शी होगी और उपभोक्ताओं के साथ-साथ कारोबारियों दोनों के लिए सहजता बढ़ेगी।
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अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे स्वतंत्रता संग्राम को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही भारत की समृद्धि भी स्वदेशी से ही संभव होगी। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे मेड इन इंडिया उत्पादों को अपनाएं और भारतीय युवाओं की मेहनत से बने सामान खरीदें। उन्होंने कहा, “हर घर और हर दुकान को स्वदेशी का प्रतीक बनना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में इनकी अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि सरकार MSMEs को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़े और रोजगार के नए अवसर पैदा हों।
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मोदी ने कहा कि नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स केवल कर सुधार नहीं हैं, बल्कि यह भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ले जाने वाला कदम है। सरल दर संरचना से व्यापार जगत को लाभ होगा और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में ये सुधार भारत को “इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस” की वैश्विक रैंकिंग में और ऊपर ले जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने जनता से आग्रह किया कि वे इस “जीएसटी बचत उत्सव” का हिस्सा बनें और स्वदेशी उत्पादों का अधिकतम उपयोग कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति दें। उन्होंने कहा, “यह सुधार हर भारतीय की बचत का उत्सव है और देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प भी।”
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