कर्तव्य पथ पर सद्गमन
निज धर्म का आधार हो,
सत्कर्म, सत्सेवा, दया,
सबसे बड़ा अधिकार हो।
तप, त्याग, प्रेम, प्रत्येक
से प्रत्येक का उद्देश्य हो,
परहित सरिस न धर्म है,
हर हृदय में यह मर्म हो।
इस राष्ट्र और समाज में
विद्या, विनय, विवेक हो,
सद्भावना का भाव जागे,
सकारात्मक निवेश हो।
हे भगवान भारत वर्ष में,
मानवता ही श्रेष्ठ धर्म हो,
मानव मानव के लिये जिये,
और मरे तो मानव के लिये।
छल, दम्भ, द्वेष, अहंकार
दुर्गुण सब दूर रहें हमसे,
जीवन में सहज, सरलता,
प्रेम- सुधा शुचिता बरसे ।
मन वाणी सहित मर्यादा
का ज्ञान हो, सम्मान हो,
आदित्य राष्ट्र की सेवा में,
मेरा जीवन बलिदान हो।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l सलेमपुर नगर के सोहनाग मोड़ पर मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदू…
आगरा(राष्ट्र की परम्परा)l सुशासन सप्ताह – प्रशासन गांव की ओर कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद आगरा…
आगरा।(राष्ट्र की परम्परा)जनपद आगरा में आगामी पंचायत चुनावों की तैयारियों के तहत पंचायत निर्वाचक नामावली…
थावे (बिहार)/ गाजीपुर(उत्तर प्रदेश) (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)।प्रसिद्ध थावे मंदिर से गहनों की चोरी के…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)जनपद देवरिया में सुशासन सप्ताह – प्रशासन गाँव की ओर कार्यक्रम के…
रांची (राष्ट्र की परम्परा) जेल में नाच प्रकरण के बाद सोशल मीडिया अकाउंट से माफिया…