कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा) शनिवार को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग कुशीनगर द्वारा नि:शुल्क मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरण शिविर का आयोजन बुद्धा पार्क रविंद्र नगर धूस किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में कुशीनगर सांसद विजय कुमार दुबे कार्यक्रम में शामिल हुए।
उपस्थित दिव्यांग जनों को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि मानव की सेवा से बड़ा कोई सेवा नहीं होता। मानवीय सेवा ईश्वरीय सेवा से भी प्रमुख सेवा मानी जाती है और जब मानवीय सेवा दिव्यांग जनों की हो तो इससे प्रमुख कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से हर वर्ग की अपेक्षा दिव्यांग जनों को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जाए इस बात के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्हें समाज की मुख्य विकास धारा से जोड़ने का काफी प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा कि मानवीय सेवा के लिए बहाया गया पसीना कभी व्यर्थ नहीं जाता। सरकार की विभिन्न योजनाओं से लोगों को आत्मनिर्भर करने का प्रयास किया जा रहा है।
सांसद विजय कुमार दुबे ने कहा कि ईश्वर ने भले ही दिव्यांग जनों के लिए कोई कमी रख दिया हो लेकिन आज दिव्यांग जनों को आधुनिकीकरण के तमाम उपकरणों से लैस करा कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, और इस प्रयास में मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ा गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक फाजिलनगर सुरेंद्र कुशवाहा द्वारा कहा गया कि पिछली सरकारों में पता ही नहीं चलता था कि कब दिव्यांग जनों में उपकरण वितरित किए जा रहे हैं। इस सरकार में निश्चित रूप से यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इससे दिव्यांगजन की प्रतिष्ठा बढ़ी है। समाज के साथ जीने का अधिकार मिला है । उन्होनें मोटराइज्ड साइकिल की डिमांड को देखते हुए जिलाधिकारी को इसकी संख्या बढ़ाने हेतु शासन से अनुरोध करने हेतु कहा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष भाजपा प्रेमचंद्र मिश्र ने दिव्यांग जनों का अभिनंदन और वंदन किया और कहा कि सरकार दिव्यांग जनों के उत्थान के लिए समर्पित है। सरकार की विचारधारा में इस बात का उल्लेख है कि समाज का विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक की अंतिम पायदान के व्यक्तियों का विकास नहीं होगा। सभी मिलकर कुशीनगर जनपद को सर्वश्रेष्ठ जनपद बनावे। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा दिया गया शब्द एक सम्मान देता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में दिव्यांग जनों के लिए डिसएबल शब्द का प्रयोग होता था। प्रधानमंत्री ने इस में परिवर्तन कर इसे दिव्यांग शब्द का नाम दिया। उनकी सोच समाज को समावेशी समाज बनाने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। दिव्यांग जनों के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ती जा रही है। दिव्यांगजन को समाज मे पहले की अपेक्षा आज की पहचान में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। उनका सम्मान बढ़ा है, पहचान बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जितने भी सरकारी भवन, स्कूल है वहां पर सरकार के द्वारा दिव्यांगजन के लिए रैम्प बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी भवनों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाया जाने का प्रयास किया जा रहा है। बचपन में इनके लिए इंटीग्रेशन कैंप बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। तथा अब इंस्ट्रक्टर द्वारा घर जाकर भी पढ़ाई करवाने की व्यवस्था है। धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। आसपास के लोगों को भी इस बात की जानकारी दिए जाने की जरूरत है। दिव्यांगता के कारण कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना हो इस की व्यवस्था की गई है।उन्होंने दिव्यांग जनों से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी यूनिक आईडी को जरूर बनवा लें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी, दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी अनुरिता, जनप्रतिनिधि ओम कुशवाहा, चंद्र प्रकाश दुबे, जगदीश मिश्र, चंद्रप्रकाश चमन, बलिराम यादव , उज्जवल सिंह, बालक दास त्यागी, सतीश मणि, मार्कंडेय शाही आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन नागेंद्र पाण्डेय ने किया।
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