देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि खरीफ 2023 की फसलों की बुआई का कार्य शीघ्र ही जनपद में कृषकों द्वारा प्रारम्भ किया जाएगा, जिसके दृष्टिगत कृषकों को निर्धारित दरों पर उनकी जोत के अनुसार संस्तुत मात्रा में गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने एवं जमाखोरी, कालाबाजारी, निर्धारित दर से अधिक दरों पर बिक्री तथा अन्य उत्पादो की टैंगिंग पर अंकुश लगाने तथा कृषकों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरकों की उपलब्ध सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक प्रभावी कार्यवाही की जाए तथा इसका नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाए।
जनपद में आपूर्तित एवं उपलब्ध उर्वरकों का कृषको के मध्य उनकी कृषि जोत एवं फसल की निर्धारित संस्तुतियों के अनुसार उनके आधार कार्ड के आधार पर वितरण सुनिश्चित किया जाए। उर्वरक विक्रेता कृषको को मुख्य उर्वरक यथा यूरिया, डी०ए०पी० एन०पी०के काम्पलेक्स व एम०ओ०पी० के साथ कम प्रचलित अन्य उत्पाद खरीदने हेतु बाध्य करते है तो, सम्बन्धित के विरुद्ध उर्वरक नियन्त्रण आवश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की सुसंगत प्राविधानान्तर्गत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाय।
ऐसे उर्वरक विनिर्माता / प्रदायकर्ताओं पर सतर्क दृष्टि रखी जाय जिनके द्वारा किसी थोक उर्वरक विक्रेता को प्रमुख उर्वरक यथा यूरिया, डी०ए०पी० एन०पी०के०, एंव एम0ओ0पी0 की आपूर्ति दिये जाने हेतु कम प्रचलित उर्वरक प्राप्त करने हेतु भी बाध्य किया जाता है, तो बाध्यता की पुष्टि होने पर सम्बन्धित थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के साथ उर्वरक विनिर्माता एवं प्रदायकर्ता के विरूद्ध भी विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय ।
समस्त उर्वरकों की बिक्री कृषकों को निर्धारित मूल्य पर अनिवार्य रूप से किया जाय, यदि निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर उर्वरकों का वितरण किया जाता है तो सम्बन्धित विक्रेता के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जाय । समस्त उर्वरकों की विक्री निजी क्षेत्र, सहकारिता एवं अन्य विक्री केन्द्रो के द्वारा शत प्रतिशत पी०ओ०एस के माध्यम से निर्धारित दर / मूल्य पर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायी जाए। पी०ओ०एस० के माध्यम से विक्री न करने वाले तथा क्रेता कृषको को पी०ओ०एस० मशीन से निकलने वाली पर्ची नही देने वाले उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाय ।
फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के साथ थोक उर्वरक विक्रेताओं एवं बफर स्टाकिस्टों का सघन निरीक्षण किया जाए तथा सुनिश्चित किया जाए कि कहीं थोक उर्वरक विक्रेता स्थानीय स्तर पर अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भण्डारण कर उर्वरकों का कृत्रिम अभाव तो उत्पन्न नही कर रहे है, तथा अधिक भण्डारित स्टाक को बाजार में कृषकों के लिए बिक्री हेतु अविलम्ब अवमुक्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा दोषियों के विरूद्ध सुसंगत प्राविधानो के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय । जिलाधिकारी ने उपरोक्त निर्देशों का पालन कड़ाई से सुनिश्चित कराए जाने को कहा है।
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