मौत को मात: सरयू में 60 किलोमीटर बहकर भी ज़िंदा बची महिला, दियारा की चरवाहिन बनी फरिश्ता

देवरिया की शशि किरण की साहसिक जीवनगाथा बनी चर्चा का विषय

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)।
“जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोय”— यह कहावत रविवार को सरयू नदी में सच होती नज़र आई, जब तेज़ धार में बहती एक महिला लगभग 60 किलोमीटर बहने के बावजूद सकुशल बचा ली गई। यह हृदयस्पर्शी घटना बलिया जनपद के मनियर थाना क्षेत्र की है, जहां स्थानीय चरवाहिन की सतर्कता ने एक जान बचा ली।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शशि किरण देवी (उम्र 50 वर्ष), निवासी बलिया दक्षिण, थाना मईल (जनपद देवरिया) रविवार की सुबह लगभग 4 बजे रोज़ाना की तरह टहलने के लिए घर से निकली थीं। इसी दौरान वह सरयू नदी किनारे शौच के बाद पैर धो रही थीं, तभी अचानक फिसल गईं और नदी की तेज़ धार उन्हें अपने साथ बहा ले गई।

परिजनों ने जब उन्हें काफी देर तक घर न लौटते देखा, तो खोजबीन शुरू कर दी। उधर, दोपहर लगभग 4 बजे मनियर क्षेत्र के दियारा टुकड़ा नंबर दो में भैंस चरा रही निर्मला देवी पत्नी वीरेंद्र प्रसाद की नज़र नदी में बह रही एक महिला पर पड़ी, जो हाथ हिलाकर इशारा कर रही थी। निर्मला देवी ने तत्काल शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के ग्रामीण दौड़े और सामूहिक प्रयास से महिला को बाहर निकाला गया।

सूचना मिलते ही डायल 112 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मनियर में भर्ती कराया गया। चिकित्सकीय प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति सामान्य बताई गई। महिला ने अपना नाम और पता बताया, जिसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। देर शाम तक परिजन भी अस्पताल पहुंच गए और अपनी मां को जीवित देखकर भावुक हो उठे।

मनियर थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार दूबे ने बताया कि महिला नदी की तेज़ धार में बहकर यहां तक पहुंची थी। सौभाग्यवश उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया और उपचार के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।

यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी की ऐसी उफनती धारा में करीब 12 घंटे और 60 किलोमीटर बहने के बाद भी जीवित बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है। साथ ही, लोगों ने निर्मला देवी की सतर्कता और मानवता की सराहना की, जिन्होंने समय रहते महिला को देख लिया और मदद के लिए आगे आईं।

यह घटना जहां प्राकृतिक आपदा में जीवित रहने की दुर्लभ मिसाल बन गई है, वहीं यह दर्शाती है कि मानव संवेदनाएं और त्वरित मदद किसी की जान बचा सकती हैं।

Editor CP pandey

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