Categories: Uncategorized

सुख – दुःख का मापदंड

सुख दुःख का पैमाना तो हमारी
आंतरिक प्रसन्नता ही होती है,
महत्व इसका नहीं होता है कि
हमने कब और कितना पाया है।

हमने कितनी तृप्ति का अनुभव
किया, यह अति महत्वपूर्ण है,
आज इंसान धन के कारण नहीं
अपने मन के कारण परेशान है।

सही सोच के अभाव है जिनमें,
उनका जीवन बोझ बन जाता है,
सुख साधन से मिली सफलता का
मूल्यांकन करना नहीं वुद्धिमत्ता है।

अक्सर संचय करने वाले रोते हैं,
और बांटने वालों को हँसते देखा है,
आंतरिक सूझ-वूझ के अभाव में,
धनवान व्यक्ति भी दुःखी होता है।

आंतरिक समझ वह दौलत है कि,
निर्धन व्यक्ति भी उतना ही अधिक
सुखी और संतुष्ट सदा हो सकता है,
धन से नही मन से धनी हो सकता है।

ईश्वर से प्रेम व आशीर्वाद बहुत बड़ी
दौलत होते हैं, ये जिसको मिलते हैं,
वही इंसान सबसे अधिक अमीर है,
और साथ साथ भाग्यशाली भी है।

आदित्य प्रेरणा से प्रेरणा मिलती है,
जिसके हृदय ईश्वर निवास होता है,
उससे अधिक सुखी नहीं कोई है,
यही संकल्प जीवन सुखी करता है।

डा. कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

rkpnews@somnath

Recent Posts

स्वामी दयानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर सीएम योगी ने श्रद्धांजलि, बोले “शिक्षा को संस्कार और आधुनिकता का सेतु बनाया”

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)। आर्य समाज के संस्थापक और भारतीय पुनर्जागरण के महान विचारक स्वामी…

28 minutes ago

दिल्ली से शेख हसीना का बड़ा बयान:‘भारत में आज़ादी से हूं, पर…

बांग्लादेश में बढ़ी सियासी हलचल नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। अगस्त पिछले वर्ष बांग्लादेश…

44 minutes ago

ग्राम प्रधान पर शासन के धन के दुरुपयोग का आरोप,जांच की मांग

ग्राम पंचायत में हुए निर्माण कार्यों में गड़बड़ी का आरोप महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। विकास कार्यों…

48 minutes ago

सिंदुरिया में ट्रैफिक जाम बनी बड़ी समस्या, आमजन बेहाल

मरम्मत कार्य और अव्यवस्थित यातायात ने बढ़ाई परेशानी, प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग…

52 minutes ago

परमाणु ऊर्जा के जनक होमी जहांगीर भाभा: भारत के विज्ञान और आत्मनिर्भरता के अग्रदूत

भाभा जयन्ती विशेष संपादकीय भारत के आधुनिक वैज्ञानिक इतिहास में यदि किसी एक व्यक्ति ने…

1 hour ago