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बैटलैंड की किस्मत बदलने से बदलेगी क्षेत्र की तस्वीर

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) जनपद बहराइच क्षेत्र में स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी वेटलैंड की किस्मत बदलने से बदलेगी क्षेत्र की तस्वीर ।
विकासखंड पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत इस धरती पर एक ऐसी नायाब धरोहर है जिसके विकसित होने पर जिले को एक और बड़ी पहचान मिल सकती है। वह है तालाब बघेल की सबसे बड़ी झील वैसे तो तालाब बघेल नामक इस वेटलैंड का स्वरूप बदलने के लिए कई वर्षों से क्षेत्र के लोगों द्वारा मांग की जा रही है! लेकिन किसी भी नेता या अधिकारी ने इस धरोहर की प्रासंगिकता जानने की कोशिश नहीं की।तालाब बघेल नामक इस वेटलैंड का आच्छादन 14 वर्ग किमी. है। तीन दशक पहले वेटलैंड के तटीय क्षेत्रों के रहने वाले मल्लाह और बंगाली समुदाय के परिवारों की जीविका इसी वेटलैंड से चलती थी। बताया जाता है कि सूर्योदय से पूर्व ही सैकड़ों की संख्या में नाव वेटलैंड में उतरती थीं और लोग मछलियों का शिकार करते थे। यही नहीं लोग बताते हैं ,एक दो नहीं बल्कि हजारों की संख्या में परिवारों की अर्थव्यवस्था इसी वेटलैंड पर आधारित थी!
धीरे-धीरे इस वेटलैंड में शैवाल बढ़ने लगा और जलीय वनस्पतियां अधिक पैदा होने से नाव का घुसना बंद हो गया ऐसे में लोगों को दूसरे रोजगार के ओर मुंह मोड़ना पड़ा। इस वेटलैंड में प्रचुर मात्रा में भसीड़, कमल का गट्टा, तिन्ना का चावल व सिंघाड़े के साथ-साथ रोहू, सींघी व सउर जैसी मछलियां प्रचुर मात्रा में मिलती रही हैं। यह वेटलैंड पयागपुर और बहराइच सदर विधानसभा क्षेत्रों के बीच मे है। दोनों क्षेत्र के लोग अपने जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से हमेशा मांग करते रहैं ,कि इस वेटलैंड को रोजगारपरक बनाया जाए।
1995 के आसपास जिले के जिलाधिकारी रहे अतुल बगाई ने जब इस वेटलैंड को देखा तो उन्होंने शासन में पैरोकारी कर यहां पर कई योजनाएं चलाईं।
तालाब बघेल के विशालता के दृष्टिकोण से इसे वह स्थान नहीं मिल पाया जिसका यह वास्तव में हकदार है। यहां पर कभी भारी संख्या में साइबेरियन सारस डग सीपर नील सर लाल कंघी बतख, फ्लेमिंगो, गुलाबी पेलकन,जैसे, तमाम, मेहमान पक्षी पवित्र स्थल मानसरोवर से उड़ान भरकर, भारी संख्या में पहुंचते थे! जिनका कलरव, क्षेत्र के,आस,पास,गुलजार रहता था, सैलानी तालाब बघेल की अलोकीक छवि को देखने के लिए आवागमन लगाए रहते थे! लेकिन अब यहां से ये विदेशी मेहमान रूठ चुके हैं। सैलानियों का आवागमन भी काम हो गया 14 वर्ग किलोमीटर में फैला ताल बघेल धीरे-धीरे बदहाली की ंओर जा रहा है!

rkpnews@somnath

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