बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम,
मन अंधियारा दूर करने को
दौड़ भाग के स्कूल पहुंचे हम,
टन टन टन टन घंटी बोली
हम बच्चों को स्कूल बुलाती,
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम।
अनपढ़ मुझको नहीं कहलाना
पढ़ लिखकर है आगे बढ़ना,
साथी संगी को साथ ले जाना
प्रतिदिन हमको स्कूल है जाना,
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम,
खेल खिलौने खूब मिलेंगे
जूता मोजा बैग ड्रेस भी मिलेंगे,
फल और दूध भी मिलेंगे
बदल बदल के पकवान मिलेंगे,
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम।
पढ़े लिखे और प्रशिक्षित टीचर
सब बच्चों को करते साक्षर
घर घर जाकर ढूंढ निकाले
स्कूल चलो अभियान सफल बनाएं।
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
चलो सभी स्कूल चले हम।
सीमा त्रिपाठी
शिक्षिका
सिंदूर जिनकी रगो में दौड़ रहा वो ही लोग मैच करा रहे -तेजस्वी सौजन्य से…
वाराणसी (राष्ट्र की परम्परा) विगत वर्षों की भाँति केंद्रीय रेलवे महिला कल्याण संगठन, नई दिल्ली…
भागलपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। गांव में पेयजल कि आज का समस्याएं बढ़ती जा रही है…
इंदौर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार…
शाहजहांपुर (राष्ट्र की परम्परा)। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए प्रदेश…
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ, महराजगंज की ओर से केंद्रीय…