अपर जिलाधिकारी ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का किया निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश


सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि के मद्देनज़र जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर

मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। बाढ़ से उत्पन्न संभावित आपदा को देखते हुए अपर जिलाधिकारी ने तहसील घोसी क्षेत्र के दोहरीघाट कस्बे के अंतर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भारत माता मंदिर, मुक्तिधाम श्मशान घाट और मुक्तिधाम से धनौली रामपुर गांव तक सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर एवं कटानरोधी कार्यों की समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान तहसीलदार घोसी, राजस्व विभाग की टीम, पुलिस विभाग, नगर पंचायत दोहरीघाट के अधिशासी अधिकारी, चेयरमैन तथा सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

कटान और राहत व्यवस्था पर विशेष ध्यान
अपर जिलाधिकारी ने सरयू नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए तहसीलदार घोसी को निर्देश दिए कि आसपास के ग्रामों में लगातार संवाद बनाए रखते हुए कटान वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करें। साथ ही बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित जनसंख्या की सूची तैयार कर शरणालयों की निगरानी, राहत कार्यों और मोटर बोट व नावों की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कंट्रोल रूम को हर हाल में अपडेट रखने के निर्देश दिए।

पुलिस विभाग को राहत कार्यों में तत्परता के निर्देश
पुलिस विभाग को संवेदनशील और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर आपातकालीन रेस्पॉन्स टीम गठित करने को कहा गया। साथ ही राजस्व, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर राहत व बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए। सभी बाढ़ चौकियों पर वैकल्पिक संचार साधन जैसे वायरलेस, मोबाइल व सैटेलाइट फोन की कार्यशीलता की जांच तथा अफवाहों पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने को भी कहा गया।

स्थानीय निकायों की भूमिका भी अहम
नगर पंचायत दोहरीघाट के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए गए कि स्थानीय जनता को बाढ़ के खतरे से सतर्क करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों की जानकारी दी जाए। सोशल मीडिया व अन्य स्थानीय माध्यमों से अलर्ट जारी कर जनता को जागरूक किया जाए। इसके अलावा नालों व जल निकासी व्यवस्था की साफ-सफाई समय पर पूरी की जाए ताकि जलभराव की स्थिति न बने।

कटानरोधी कार्यों की नियमित निगरानी
बाढ़ खंड आजमगढ़ और सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया कि तटबंधों की नियमित पेट्रोलिंग करते हुए आवश्यक स्थानों पर बालू की बोरियों की पर्याप्त व्यवस्था कर कटान रोकने के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों को सतर्क और तैयार रहना होगा ताकि बाढ़ की स्थिति में जन-धन की हानि को न्यूनतम किया जा सके।

Editor CP pandey

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