
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा तैयार होने के बावजूद भी यहां से हवाई उड़ान शुरू नहीं हो पाई है। इस बीच, राष्ट्र नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भारत दौरे की खबर के साथ ही नेपालगन्ज से दिल्ली हवाई उड़ान की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। प्रधानमंत्री ओली का आगामी भदौ माह के अंतिम सप्ताह में भारत जाने का ऐलान होते ही नेपालगन्ज- दिल्ली हवाई उड़ान की आवश्यकता पर चर्चा शुरू हो गई है।प्रधानमंत्री ओली नई दिल्ली के लिये प्रस्थान करेंगे। भारत के प्रधान मंत्री निमंत्रण पर प्रधानमंत्री ओली का दो दिवसीय दौरा तय हुआ है। पर्यटन व्यवसायी और अन्य संबन्धित व्यवसायी नेपालगन्ज- दिल्ली हवाई उड़ान की मांग को प्रधानमंत्री के भारत दौरे में एजेंडा बनाने के लिए पहल कर रहे हैं। नेपालगन्ज उद्योग वाणिज्य संघ के नेतृत्व में, नेपालगन्ज और दिल्ली के बीच सीधी हवाई उड़ान की मांग को प्राथमिकता दी जा रही है और इसे प्रधानमंत्री के भारत दौरे के एजेंडे में शामिल करने के लिये प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि, इस मुद्दे पर पहले भी कई बार चर्चा की गई, लेकिन ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका था। इस बार, नेपालगन्ज उद्योग वाणिज्य संघ और नेपाल-भारत मैत्री संगठन अंतर्राष्ट्रीय समिति के नेतृत्व में कार्यविभाजन कर इसे गंभीरता से लिया गया है। इस संदर्भ में बुधवार को सर्वपक्षीय बैठक आयोजित की गई।
नेपालगन्ज- दिल्ली उड़ान की मांग को दबाव बनाने के लिए आयोजित सर्वपक्षीय बैठक में ‘नेपालगन्ज- दिल्ली उड़ान दबाव समूह’ का गठन किया गया जिसका संयोजन संघ के अध्यक्ष टंकबहादुर धामी ने किया। बैठक में सभी राजनीतिक दलों को समन्वय कर प्रधानमंत्री तक एजेंडा, आवश्यकता और प्रभावकारिता सहित पहुंचाने की योजना बनाई गई।बैठक में नेकपा एमाले बाँके के अध्यक्ष निरक गुरुङ ने कहा कि एजेंडे को प्राथमिकता से उठाने के बाद जब तक इसका निष्कर्ष नहीं निकलता, तब तक इसे छोड़ना नहीं चाहिए। वहीं, बाँके कांग्रेस के सचिव सुधांशु कोइराला ने सभी दलों से विकास के मुद्दे पर एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।नेपालगन्ज उद्योग वाणिज्य संघ की बैठक में भारत मैत्री संगठन के अंतर्राष्ट्रीय सदस्य आशीष कुमार गुप्ता ने कहा कि नेपालगन्ज- दिल्ली उड़ान से भारत सरकार के साथ व्यापारिक संबंधों का विस्तार होगा और यह नेपाल-भारत के रिश्तों को मजबूती देगा। उन्होंने इसे भारत सरकार के लिए सकारात्मक संदेश देने का एक अच्छा अवसर बताया। इसके अलावा, नेपालगन्ज को ‘मानसरोवर गेटवे’ के रूप में स्थापित करने के लिए नेपालगन्ज- दिल्ली सीधी उड़ान को अपरिहार्य बताया।बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि इस उड़ान से विशेष रूप से सुदूरपश्चिम, कर्णाली और लुम्बिनी प्रदेश के लगभग 25 जिलों के निवासियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा, इसलिए प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करना जरूरी है।इस उद्देश्य के लिए, नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके के अध्यक्ष नवीन गिरि के नेतृत्व में एक अध्ययन प्रतिवेदन निर्माण समिति बनाई गई है। इस समिति में पूर्व अध्यक्ष झलक गैरे, नेपाली कांग्रेस बाँके के सचिव सुधांशु कोइराला, पत्रकार शरण कर्माचार्य, शंकर खनाल, आशीष गुप्ता और विशेषज्ञ हरि सुवेदी सदस्य के रूप में शामिल हैं। यह समिति दस दिनों के भीतर नेपालगन्ज- दिल्ली उड़ान की आवश्यकता, औचित्य और महत्व पर आधारित एक अध्ययन प्रतिवेदन तैयार करेगी, जिसे प्रधानमंत्री ओली को सौंपा जायेगा।इसके अलावा, नेपालगन्ज- दिल्ली उड़ान की मांग को निरंतर चर्चा और बहस के माध्यम से निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्ययोजना बनाने के लिए संघ के महासचिव भीमबहादुर रानाभाट के संयोजकत्व में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में संघ के पूर्व अध्यक्ष कृष्णप्रसाद श्रेष्ठ, नाट्टा बाँके के अध्यक्ष श्रीराम सिग्देल, नेपालगन्ज उप-महानगरपालिका की पूर्व उप-मुखिया उमा थापामगर और स्थानीय शासन विशेषज्ञ मीनबहादुर मल्ल सदस्य के रूप में शामिल हैं। समिति तीनों स्तर के सरकारों के साथ मिलकर इस मुद्दे को सफलता की ओर बढ़ाने का कार्य करेगी।समिति के सदस्य-सचिव भीमबहादुर रानाभाट ने कहा कि स्थानीय सरकारों के प्रमुखों, प्रदेश सभा के सदस्यों और बाँके से प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों के साथ संवाद कर इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में काम किया जायेगा।
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