July 12, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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25 जुलाई- विश्व डूबने से बचाव दिवस ।पर विशेष अपील

सावधानी अपनाये, जीवन बचाएं

कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा) जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण कुशीनगर उमेश मिश्रा नेे जनपद के समस्त नागरिकों, ग्राम प्रधानों से अपील की है कि नदियों, तालाबों अथवा अन्य जल स्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। जल स्रोतों में डूबने के कारण जनहानि होती है। इसलिए सतर्कता बरतने और जागरूकता फैलाने का हर संभव प्रयास करें। उन्होंने बताया है कि जल स्रोतों में डूबने व फंसने की स्थिति में राहत पाने के लिए एम्बुलेंस-108, पुलिस सहायता-112 व राहत आपदा कंट्रोल रूम-1077 एवं  जनपद कन्ट्रोल रुम 05564-240590 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय के बारे में उन्होंने बताया कि यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले अथवा तालाब आदि में कदापि न जाएं एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोकें। बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरें एवं गहराई का ध्यान रखें। ओवरलोडेड नौकाओं में न बैठें। कोशिश करें कि किसी नदी, पोखर, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय अपने साथ 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती,साड़ी अवश्य रखें। नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों एवं जल स्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते, स्नान करते समय स्टंट न करें, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
       अपर जिलाधिकारी ने बताया है कि जल स्रोतों में डूबने के कारण मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये देने का प्राविधान है, जिसके लिए (पोस्टमार्टम एवं पंचनामा अनिवार्य), शारीरिक दिव्यांग होने पर 74 हजार से 2 लाख 50 हजार, रूपये आपदा पीड़ित को देने का प्राविधान किया गया है।