22 दिसंबर के महान जन्मे हुए सितारे
इतिहास के पन्नों में कुछ तिथियाँ ऐसी होती हैं, जो केवल तारीख़ नहीं बल्कि चेतना बन जाती हैं। 22 दिसंबर भी ऐसी ही एक विशेष तिथि है, जब भारत और विश्व को ऐसे महान व्यक्तित्व मिले, जिन्होंने साहित्य, गणित, स्वतंत्रता संग्राम और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी। आइए, 22 दिसंबर को जन्मे महान व्यक्तित्वों के जीवन, जन्म स्थान और राष्ट्रहित में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डालते हैं।
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गुरु गोविंद सिंह (जन्म: 22 दिसंबर 1666)
जन्म स्थान: पटना साहिब, पटना जिला, बिहार, भारत
सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु गुरु गोविंद सिंह केवल आध्यात्मिक गुरु ही नहीं, बल्कि एक महान योद्धा, कवि और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना कर सिख समाज को नई पहचान और आत्मबल दिया। जाति, भेदभाव और अत्याचार के विरुद्ध उन्होंने संगठित प्रतिरोध की भावना को जन्म दिया।
गुरु गोविंद सिंह ने सिखों को “संत-सिपाही” की संकल्पना दी, जिससे वे आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों रूपों में सशक्त बने। उनके बलिदान और विचार आज भी मानवता, साहस और धर्मनिष्ठा के प्रतीक हैं।
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मौलाना मज़हरुल हक़ (जन्म: 22 दिसंबर 1866)
जन्म स्थान: बहपुरा, पटना जिला, बिहार, भारत
मौलाना मज़हरुल हक़ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रखर सेनानी और राष्ट्रवादी चिंतक थे। वे महात्मा गांधी के निकट सहयोगी रहे और असहयोग आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने हिंदू–मुस्लिम एकता को स्वतंत्रता संग्राम की आधारशिला माना।
कई बार जेल गए, संपत्ति कुर्बान की, लेकिन अंग्रेज़ी शासन के सामने कभी नहीं झुके। उनका जीवन त्याग, साहस और राष्ट्रीय एकता का प्रेरक उदाहरण है।
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श्रीनिवास अयंगर रामानुजन (जन्म: 22 दिसंबर 1887)
जन्म स्थान: ईरोड, ईरोड जिला, तमिलनाडु, भारत
विश्वविख्यात गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन असाधारण प्रतिभा के प्रतीक थे। सीमित संसाधनों और औपचारिक शिक्षा के अभाव में भी उन्होंने गणित के क्षेत्र में ऐसे सूत्र दिए, जो आज भी वैश्विक शोध का आधार हैं।
संख्या सिद्धांत, अनंत श्रेणियाँ और गणितीय विश्लेषण में उनका योगदान अमूल्य है। भारत सरकार ने उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय गणित दिवस घोषित कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
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पंकज सिंह (जन्म: 22 दिसंबर 1948)
जन्म स्थान: बलिया जिला, उत्तर प्रदेश, भारत
पंकज सिंह समकालीन हिंदी कविता के सशक्त हस्ताक्षर माने जाते हैं। उनकी कविताओं में आम आदमी का संघर्ष, सामाजिक असमानता और लोकतांत्रिक चेतना स्पष्ट रूप से झलकती है।
वे शब्दों के माध्यम से सत्ता, व्यवस्था और अन्याय पर तीखा प्रहार करते हैं। उनकी रचनाएँ साहित्य को केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का माध्यम बनाती हैं।
22 दिसंबर को जन्मे महान व्यक्तित्व अलग-अलग क्षेत्रों से होने के बावजूद एक साझा सूत्र से जुड़े हैं—समाज और राष्ट्र के प्रति निष्ठा। इनका जीवन हमें सिखाता है कि विचार, ज्ञान और साहस से इतिहास बदला जा सकता है।
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